उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 10

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भाग 10 वो मेरी सबसे अच्छी मित्र थी। कॉलेज के दिनों में हमारी मित्रता के चर्चे हुआ करते थे। अनिमा.....हाँ अनिमा नाम था उसका। हँसमुख व मिलनसार स्वभाव की अनिमा प्रारम्भ में जब कॉलेज में आी थी तब मैं उससे तथा वो मुझसे बिलकुल भी बातें नही करते थे। न जाने कैसे व कब वो मेरी प्रिय मित्रों में शुमार हो गयी थी। बल्कि सबसे अच्छी मित्र बन गयी। तब वह स्पष्टवादी इतनी थी कि आपे इसी स्वभाव के कारण अक्सर उसका किसी न किसी से झगड़ा भी हो जाता था। किन्तु कॉलेज में मेरी व उसकी कभी भी अनबन