अस्त होती किरण

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अस्त होती किरण कहानी / शरोवन मथुरा की एक डूबती हुई संध्या. इस ढलती हुई सांझ की लालिमा में जब दूर क्षितिज में सूर्य की अंतिम सुर्खी ने भी अपनी सांस तोड़ दी तो ब्लैक स्टोन कॉलेज की बड़ी इमारत पर बनती हुई अशोक के वृक्षों की लंबी होती हुई परछाईयां भी अपना रहा बचा अस्तित्व समाप्त कर गईं। वृक्षों की इन्हीं काली-काली परछाइंयों को सूरज कॉलेज के बाहर एक एकान्त स्थान से खड़ा-खडा़ बड़ी देर से देखने में तल्लीन था। बहुत मजबूरी के साथ जब इन परछाइंयों ने भी अपना मुख छिपा लिया तो उसने अपने आस-पास एक उचटती