जनाज़ा

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ज़नाज़ा कहानी / शरोवन. देश में भ्रष्टाचार, अनियमितता और लापरवाही का शासन था. जनता के पास रोज़गार नहीं था. किसानों के पास बीज बोने के पैसे नहीं बच पाते थे. ऋण की रकम की भरपाई न करने के वियोग में किसानों की आत्महत्या के किस्से रोजाना अखबारों और टी. वी. की सुर्ख़ियों में जन्म ले रहे थे. बालायें औए महिलाएं सुरक्षित नहीं थी. सरकारी दफ्तरों में बिना ऊपरी भेंट चढ़ाए कोई काम नहीं हो पा रहा था. सड़कों पर राहगीरों में हरेक दिन और रातों में कोई कटता था तो कोई लुट जाता था. जनता परेशान थी, इसीलिये जब चुनाव