मायका एक सुकून का घर

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गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई। साथ ही किट्टी पार्टी की तारीखों में फेरबदल शुरू हो गए। भाई क्यों न हो, आखिर सबको मायके जो जाना था। बस एक रूपाली को ही वेकेशन न था। सब सहेलियां अपने ट्रेन की ,फ्लाइट की टिकटें बताकर कितनी खुश थी पर उसकी आंखे नम हो चली थी। तभी किसीने पूछ ही लिया, " अरे रूपाली क्या तुम्हे मायके नही जाना ? " रूपाली घबड़ाकर बोली, " नही, इसबार नही, छुट्टियों में घर का काम करवाना है।" कह तो दिया पर उसका मन ही जनता था की मायके ना जा पाने की टीस क्या