उजाले की ओर =========== स्नेहिल नमस्कार मित्रो इस ऋतु में जब मौसम ने चारों ओर हाहाकार की हुई है उस समय स्वयं को व और सबको भी बचाने की कोशिश सबने ज़रूरी है। उस दिन भरी धूप में अनु साक्षात्कार देने गई। सबने उसे समझाने की कोशिश भी की थी कि पहले फ़ोन करके जाना लेकिन वह ज़रूरत से ज़्यादा उत्साहित हो जाती है और उसका परिणाम गड़बड़ ही होता है। अधिक गर्मी के कारण बाॅस बीमार पड़ गए और हो गया कैंसिल इंटरव्यू! अब जब लौटकर आई तब बुरी तरह रुआँसी हो