थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत को जब टीटी महोदय ने इस अनोखी गुमशुदगी के विषय में बताया तो एकबारगी उन्हें भी भरोसा नहीं हुआ कि ऐसा कैसे हो सकता है कि चलती ट्रेन से कोई बच्ची अपनी सीट पर बैठे-बैठे ही लापता हो जाए, लेकिन टीटी महोदय के लाए हुए बयानों के आधार पर उन्होंने अमारा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली और संजीव को आश्वासन दिया कि जिस जगह अमारा गायब हुई थी वहाँ जाकर वो उसे जरूर तलाश करेंगे। संजीव ने हाथ जोड़ते हुए इंस्पेक्टर रंजीत से कहा "सर, मैं भी आपके साथ अपनी बेटी को ढूँढने चलूँगा।"