संस्मरण आत्मीय रिश्तों की ताकत*************** पक्षाघात के दूसरे प्रहार के बाद मेरा कहीं भी आना जाना बहुत कठिन हो गया है। बहुत आवश्यक और विशेष परिस्थितियों में ही किसी तरह आने जाने की योजना पर ही विचार कर पाता हूं। उसके लिए चार पहिया वाहन की व्यवस्था पहली प्राथमिकता में शामिल होता है। १२.१०.२०२२ के बाद पहली बार २८ मई २०२३ को मतंग के राम साहित्यिक आयोजन में डा. आर के तिवारी मतंग जी के विशेष आग्रह पर अनुज, कवि/ एड. डा. राजीव रंजन मिश्र जी और बड़ी बहन/वरिष्ठ कवयित्री प्रेमलता रसबिंदु जी के संरक्षण में अयोध्याधाम, २६ नवंबर २०२४