भाग 9“अरे! राठोर, भाई कितनी देर लगा दी तुमने आने में।” ए. सी. पी. विक्रांत, आगे बढ़ इंस्पेक्टर राठोर और कविता का स्वागत करते हैं।“हैलो सर, सॉरी, वो केस में उलझ गए थे। और शुक्रिया, आपने हमें इजाज़त दी अपने प्लान को यहाँ एग्ज़ीक्यूटिव करने की।” इंस्पेक्टर राठोर ने कहा।“केस सॉल्व हो जाए, हमारे लिए वही ज़रूरी है। आओ, एंजॉय करो।” ए. सी. पी विक्रांत बोला। इंस्पेक्टर राठोर और कविता पार्टी में आए अन्य लोगों से मिलने लगे। तभी उन्होंने अमोल को देखा। कविता के इशारे पर इंस्पेक्टर राठोर अमोल के पास गया, “आ गया भाई! आ जा!” “यार! इस