अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 9

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मैत्री की दूसरी शादी को लेकर सब खुश थे सिवाय मैत्री के और मैत्री के खुश ना होने की वजह साफ थी और वो ये थी कि मैत्री को लग रहा था कि अब फिर से वही सब होगा!! वही ताने तुश्की, वही सास के नखरे, वही हर समय की उलझन लेकिन परिस्थितियां जिस तरह की बन गयी थीं उन परिस्थितियों मे मैत्री के विरोध के लिये कोई जगह नही थी, मैत्री की मनस्थिति बस यही कह रही थी कि शादी के लिये "हां" बोलने के बाद खुशियो की जो धारा उसके परिवार मे बह चुकी है वो भी उसी