सर्कस : १३ आज तो मुझे छुट्टी थी, तीन महिने के बाद एक छुट्टी जादा दी जाती। अरुणसर के साथ उस दिन मिटिंग रहती थी। अगले विभाग का चुनाव इस मिटिंग में किया जाएगा। पहले तीन महिने कैसे गुजर गए पता ही नही चला। मेकप की कला, वहाँ काम करनेवाले लोगों की