कोई अपना सा अपने जैसा - 3

  • 915
  • 444

अंश के आगे पूछने पर शुचि ने उसे कहा, “देअर इज वन नताशा शर्मा – अवर लाइब्रेरियन । गो देअर एण्ड प्रपोज हर।”अंश को जवाब देकर दोनों वहाँ से जाने लगी।अंश अभी भी कन्फ्यूज्ड था । उसने फिर से शुचि से पूछा, “आर यू श्योर ? कॉलेज में एक ही नताशा शर्मा है ?”“मेन ! गो देअर एण्ड आस्क हर । वी डोन्ट नो।” वहाँ से आगे जाते हुए शुचि ने उसे जोर से जवाब दिया।शुचि के साथ चलते हुए निधि उससे कह रही थी,“ये रोनित रॉय कहाँ मिलेगा ? अगर कल तक न मिला तो पूरे एक हफ्ते तक