तेजपाल जी ने जब प्रत्यन्चा के खाने की तारीफ़ तो प्रत्यन्चा के चेहरे की खुशी देखने लायक थी,तब तेजपाल जी उसके चेहरे की ओर देखकर बोले.... "ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है,तुम ज्यादा दिन तक इस घर में टिकने वाली नहीं हो", तेजपाल जी की बात सुनकर प्रत्यन्चा का चेहरा उतर गया तो भागीरथ जी अपने बेटे तेजपाल से बोले.... "ये क्या तरीका हुआ किसी से बात करने का,उसने तेरे लिए इतने प्यार से खाना बनाया और तू उसे अकड़ दिखाता है, तू कौन होता है इसे घर से निकालने वाला,ये घर हमारा है और ये यहीं रहेगी", "वो