लागा चुनरी में दाग़--भाग(१६)

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प्रत्यन्चा को कार से टकराता देख वे गुण्डे भाग खड़े हुए और प्रत्यन्चा मोटरकार से टकराते ही बेहोश हो गई,अब वो मोटरकार भी रुक चुकी थी,जिससे प्रत्यन्चा टकराई थी,उस मोटर के मालिक ने ड्राइवर से पूछा..... "क्या हुआ रामानुज! कोई टकराया क्या हमारी मोटर से?" "जी! मालिक!",ड्राइवर रामानुज बोला.... "जरा मोटर से उतरकर तो देखो,कौन है?",मोटरकार के मालिक बोले.... इसके बाद उनका ड्राइवर मोटर से उतरकर बाहर आया और बोला.... "मालिक! कोई लड़की है" "लड़की है....ज्यादा चोट तो नहीं आई उसे",मोटर के मालिक ने पूछा... "पता नहीं मालिक! अभी तो बेहोश है"ड्राइवर रामानुज बोला... "हे! ईश्वर! ये क्या हो गया,ठहरो