कालवाची-प्रेतनी रहस्य-सीजन-२--(अन्तिम भाग)

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उधर यशवर्धन चारुचित्रा को उठाकर ऊँचे पहाड़ के पास जो वन था,वो उसे वहाँ लेकर पहुँच गया और उसने चारूचित्रा को धरती पर लिटा दिया,तब तक मान्धात्री भी वहाँ आ पहुँची और उसने यशवर्धन से पूछा... "ये कौन है,मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि ये तो रानी चारुचित्रा हैं" "हाँ! ये चारुचित्रा ही है,इसे कालबाह्यी ने अपनी शक्तियों द्वारा ऐसा बना दिया है,यदि हमने कुछ ना किया तो चारुचित्रा कुछ समय पश्चात् समाप्त हो जाऐगी"यशवर्धन बोला.... तब चारुचित्रा लरझती स्वर में यशवर्धन से बोली..... "तुम मेरी चिन्ता मत करो यशवर्धन! कदाचित मेरी यही नियति है,यदि मेरी मृत्यु के पश्चात् सब