भाग 27पिछले भाग में आपने पढ़ा की जगत रानी रज्जो के बेटा होने का तार पा कर रुक नही पाती। उसे देखने जाती है। फिर एक महीने तक उनकी देख रेख कर घर ले कर आती है। अब आगे पढ़े—उस दिन भी रोज की तरह गुलाबो ने बच्चो को रात का कलेवा खिला दिया था। चूल्हे पर दाल चढ़ा कर थाली में चावल ले कर बाहर चारपाई पर बैठ कर पड़ोसन से बातें कर रही थी। बाते करती जाती, बीच बीच में चावल भी बीनती जाती। बच्चे बाकी बच्चो के साथ खेल रहे थे। इस एक महीने में ही गुलाबो