सर्कस - 12

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                                                                                          सर्कस : १२            आज से सर्कस के खेल शुरू होने वाले थे। सही मायने में मेरे काम का पहला दिन। आदत के नुसार पाँच बजे ही मैं उठ गया। हम लोगों को कमरा मिल गया था, दस लडके उसमें समाए थे। यहाँ आते ही अपनी-अपनी चारपाई, छोटी अलमारी, कमरे में लगा दी थी,