पागल - भाग 31

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भाग–३१ सुबह मेरे दरवाजे पर मीशा ने दस्तक दी, मैं सुबह जल्दी उठकर नहा कर तैयार हो चुकी थी । मैने दरवाजा खोला तो मीशा मेरे लिए नाश्ता और चाय लेकर आई थी। "अरे मीशा मैं नीचे ही आ रही थी तुमने क्यों तकलीफ की। वैसे भी सफर और शादी में तुम्हे बहुत परेशानी हुई होगी इस समय तुम्हे आराम करना चाहिए । मैं कोई पराई नही हूं । तुम आराम करो मैं सब संभाल लूंगी। " "मम्मी ने कहा है , आज तुम्हारी पग फेरे की रस्म है। तो तुम्हारे घर से तुम्हारे मामा, मामी, चचेरे भाई, भाभी और