पिशाच - 1

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मैंने कमरे का दरवाजा खोला और अंदर जाने लगा अंदर बहुत अंधेरा था कमरे का सारा सामान बिखरा हुआ था कमरे की चीज अव्यवस्थित ढंग से इधर-उधर बिखरी पड़ी थी सीलन भरी दीवारें चारों तरफ फैले मकड़ी के जाले सब कुछ बहुत डरावना लग रहा था कमरे में एक तरह का सन्नाटा छाया हुआ था अंधेरे कमरे में सन्नाटा कमरे को और अधिक डरावना बना रहा था इस खौफनाक सन्नाटे में मुझे अपने पैरों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी मैं उस अंधेरे कमरे में आगे बढ़ता जा रहा था एकाएक एक चमगादड़ों का झुंड मेरे पास से गुजर