कांटे भी नहीं चुभते

1.किस हद तक इंतजार करें कोई, गुलाब कब तक ताज़ा रहेगा... आखिर ?2.वो हमसें जुदा होकर ग़ैरों पे फिदा हो गएक्या वाक़ई मोहब्बत के ऐसे ख़ुदा होते हैं,3.गुजर रही है ये जिन्दगी बड़े ही नाजुक दौर से,मिलती नहीं तसल्ली तेरे सिवा किसी और से...4."खूबसूरत का पता नहीं, लेकिन मज़ा बहुत आता है, प्यार में भी और इंतज़ार में भी।"5.*मोहब्बत समेट लेती है,**जमाने भर के रंजो गम,* *सुना है महबूब अच्छा हो तो,**कांटे भी नहीं चुभते,* 6.अजी भा गई है नज़ाकत किसी की |मोहब्बत बनी है इबादत किसी की ||उसे भूल जाना मुनासिब नहीं है |मुसीबत बनी है शराफत किसी की