शब्दों का संसार

1.यह 'शब्दों का संसार' तुम न समझोगे,इससे मेरा प्यार भी तुम न समझोगे, तुम नहीं जानते मन से भाव चुरा लाना, किसी के उद्दगार को मान दिला पाना,प्यार के अनगिने रंगो की बारीकियां,नही समझोगे भावों का उधार चुका देना,रोतों के आंखों से व्यवहार छुपा लेना,हंसते होठों का मुस्कान दबा लेना कभी कल्पना की उड़ान भरो तो जानो,हमने देखा है एक संसार जो भावों का,सिखा है शब्दों को संजो कर फलक पर लहरा देना।2.तुम जो कागज़ के फूल भी लाओ,दिल का दावा है वे भी महकेंगे ...!!3.मुसाफिर बन कर आया वो,ना जाने कब दिल का "मेहमान" बन गया... नजरो से हुई