इश्क की अदालत

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1.महसूस खुद को तुझ से अलग... मैंने कभी किया ही नहीं... तू क्या जाने कोई भी लम्हा ... तेरे बिना मैंने कभी जिया ही नहीं...!!2.किस किस को बताऊं हाल मेरासुबह उठते ही आ जाता है ख्याल तेरा3.कभी सोचा है जो इन्सान तुम्हें बेइंतहा चाहता होवही तुम्हें चाहना छोड़ दे, तो तुम्हारे पास बचेगा क्या4.पतझड़ों की कहानियाँ न सुना सुना के उदास करतू ख़िजा का फूल है मुस्कुरा जो गुज़र गया सो गुज़र गयातुझे ऐतबार ओ यकीं नहीं नहीं दुनिया इतनी बुरी नहींना मलाल कर मेरे साथ आ जो गुज़र गया सो गुज़र गयावो उदास धूप समेट कर कहीं दूर वादियों