निगाह ऐ इश्क (हम तुम्हें ही देखते हैं)

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1."मैं नहीं चाहती वो मेरे बुलाने से आएमैं चाहती हु वो रह ना पाए और बहाने से आए" 2.बड़े इत्मीनान से बैठे हो ख्याल किसका हैहाल अच्छा है तेरा तो बुरा हाल किसका हैबहुत खुश हो चेहरे पे मायूसी को लेकरवाह दीवाने इतना बता फिर जीना मोहाल किसका है3.अपनी तन्हाई मे खलल यूँ डालूँ सारी रात... खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन4.मैंने पूछा उससे क्या रिश्ता है आपका और मेरा ‌... उसने मुस्कुराते हुए कहा तुम दिल बहलाने के काम आते हों...5.इश्क़ ब्याज नहीं मांगता।बस वफा से कीमत चुकानी पड़ती है।6.आप कहते हैं मिलने की