भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 30

  • 1.6k
  • 2
  • 360

Ep ३०प्रेम की शक्ति ३अभि के घर के खुले फ्रेम के सामने हॉल में अभि को जमीन पर लेटा हुआ देखा गया. "अब, मुझे बचाओ! अब मदद करो!" बंद पलकों के पीछे से अंशू की आवाज सुनाई दी। वह अपनी गोबर से सनी हुई भौंहों पर दोनों हाथ फैलाए पीठ के बल लेटा हुआ था, उसकी बंद पलकों पर दोनों गोल पुतलियाँ बाएँ से दाएँ घूमती हुई दिखाई दे रही थीं, वही परिचित आवाज़ उसके कानों में बार-बार बज रही थी। "अभी! मुझे अभी, अभी बचाओ!" कानों के पर्दों पर आवाज़ तेज़ होती जा रही थी मानो टीवी का वॉल्यूम