सोने के कंगन - भाग - ८

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आज सारिका को अपने परिवार की डूबती हुई कश्ती के ऊपर सजी-धजी गहनों का वज़न उठा कर बैठी हुई अपनी सास सोनिया दिखाई दे रही थी। उसे आश्चर्य हो रहा था कि इन हालातों में भी मॉम तो आज भी इतने गहने पहन कर गई हैं। क्या उन्हें उनका वज़न नहीं लग रहा होगा? रजत के हाथ में तीन लाख की घड़ी …? क्या उसे सस्ती घड़ी में समय नहीं दिखेगा? क्या डैड की घड़ी भी इतनी महंगी है …? इसीलिए सही समय दिखाती है। आज उसे अपनी दादी के कंगन जो उसने कभी नहीं देखे थे केवल चर्चा में