सोने के कंगन - भाग - ६

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विवाहोपरांत सारिका अपनी ससुराल पहुँच गई। बहुत ही धूम धाम से उसका गृह प्रवेश किया गया। अपना इतना भव्य स्वागत देखकर सारिका फूली नहीं समा रही थी। सोनिया उस पर अपना प्यार इस तरह लुटा रही थी मानो बरसों बाद उनकी बेटी घर आई हो। पूरा दिन रस्में निभाने में कैसे निकल गया किसी को पता ही नहीं चला। धीरे-धीरे चाँद आसमान में नज़र आने लगा। रजत के सूने कमरे में आज हर तरफ़ फूल अपनी सुंदरता बिखेर रहे थे। सुहाग की सजी हुई सेज उन दोनों का इंतज़ार कर रही थी। रजत और सारिका के मिलन की यह पहली