*मुर्दाखोर* चित्रगुप्तः महाराज दुनिया से गिद्धों की जाति ही लुप्त होने को है और नरक गिद्धों की आत्माओ से भरता जा रहा है जो हमारे लिए एक चिन्ता का विषय बनता जा रहा है। यमः परन्तु चित्रगुप्त ये गिद्ध आत्महत्या जैसा घृणित पाप कर क्यो रहे हैं? चित्रगुप्तः हे! धर्मराज चलिए इस प्रश्न का उत्तर उनसे ही मांगते हैं। यमः हे! महान जटायु के वंशजो हमें तुम से कायरता की उम्मीद नही थी। छीः छीः आत्महत्या....... गिद्ध: तो महाराज आपको भी यह भ्रम है! कि हमने आत्मदाह किया है! नही महाराज यह असत्य है। चाहे आप इन यातनाओ को बढाकर