हम और तुम

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1.मैं न यूसुफ़ हूँ न ये शहर - ए - ज़ुलेख़ा यारोक्यों चले आए हो ले कर सर - ए - बाज़ार मुझे2.इक़रार - ए - मोहब्बत तो बड़ी बात है लेकिनइंकार - ए - मोहब्बत की अदा और ही कुछ है3.तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी होतुम को देखें कि तुम से बात करें4.तितली से दोस्ती न गुलाबों का शौक है...मेरी तरह उसे भी शायरी का शौक है...5.कोहिनूर से भी क़ीमती समझा था तुझे ...!मगर कोयले से भी काली, करतूते थीं तेरी ...!!6.सूरज और पिता की गर्मी बर्दाश्त करना सीखिएजब यह डूब जाते हैं तो हर तरफ अंधेरा हो