औरत - एक पहेली

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1.इक शख़्स जिस को देख के ख़ुद पर नज़र गई वो आइना बना, और मेरी क़िस्मत सँवर गई 2.ये दिल, भूलता नहीं है मोहब्बतें उसकी!पड़ी हुई थीं मुझे कितनी आदतें उस की!!ये मेरा सारा सफ़र उस की ख़ुशबुओं में कटा!मुझे तो राह दिखाती थीं चाहतें उस की!!घिरी हुई हूँ मैं चेहरों की भीड़ में लेकिन!कहीं नज़र नहीं आतीं शबाहतें उस की!!मैं दूर होने लगी हूँ तो ऐसा लगता है!कि छाँव जैसी थीं मुझ पर रिफाक़तें उस की!!मैं बारिशों में जुदा हो गई हूँ उस से मगर!ये मेरा दिल मिरी साँसें अमानतें उस की3.हया से शर्मा जाना अदा से मुस्कुरा देनाकितना