रात के एक बज रहे थे, ‘निशान्त’ की दृष्टि लगातार अपने कम्प्यूटर स्क्रीन पर थी, उसे लगा कोई वायुयान ‘हिमांचल प्रदेश’ की ओर बहुत तेजी से बढ़ रहा है, उसके आश्चर्य का ठिकाना इस कारण से न रहा कि यह वायुयान लद्दाख और चीन की सीमा पर लगे रडारों से बच कर हिमांचल की सीमा तक कैसे उड़ आया, कहीं सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक तो नही हुई है अथवा हमारी वायु सेना के उत्तरी कमाण्ड के कम्प्यूटरों को हाइक तो नहीं किया जा चुका है, यह विचार आते ही उसने तुरन्त अपने प्रमुख मि0 ‘कृष्ण देव राय’ को सूचित