- 20 - दूसरे दिन कान्हा की अन्त्येष्टि से पहले मुक्ता को व्हीलचेयर पर घर लाया गया। माँ आख़िर माँ होती है! बच्चा कैसा भी रहा हो, उसके मृतक शरीर को देखकर कोई भी माँ अपना आपा खो बैठती है। कान्हा के मृत शरीर को सामने पड़ा देखकर मुक्ता दहाड़े मारकर विलाप करने लगी। बार-बार उठने का प्रयास करने लगी। प्रवीर कुमार ने व्हीलचेयर पकड़ी हुई थी। नवनीता ने मुक्ता को व्हीलचेयर से उठने से रोके रखा। बड़ी मुश्किल से मुक्ता को वहाँ से घर के अन्दर ले जाया गया। आँसुओं के बहने की भी सीमा