- 8 - आज जब प्रवीर कुमार रात के खाने से कुछ समय पूर्व घर लौटा तो उसे पानी का गिलास थमाते हुए नवनीता ने मन में कई दिनों से चल रही कश्मकश को शान्त करने के लिए पूछ ही लिया - ‘प्रवीर, मैं कई हफ़्तों से ऑब्ज़र्व कर रही हूँ कि आप शनिवार या इतवार को किसी दोस्त से मिलने की कहकर जाते हो और देर शाम को लौटते हो। लंच भी उसी के साथ करते हो। ऐसा कौन-सा दोस्त है, जिससे अचानक इतनी गहरी छनने लगी है? यदि इतना ही करीबी दोस्त है तो