जादू है, नशा है अमोल अपनी नौकरी करने के लिए पुणे चला गया। मेरी उससे बीच-बीच में बातचीत होती रहती थी। मेरी राज्य सरकार में ही नौकरी थी, जबकि अमोल ने केंद्र सरकार की नौकरी ज्वाइन कर ली थी। एक दिन अमोल ने मुझे फोन किया था तो कुछ औपचारिक बातें करने के बाद मैंने उससे पूछ ही दिया, “और वहाँ कोई गर्लफ्रेंड बनी या फिर ऐसे ही घूम रहे हो?” “नहीं यार तुम्हें तो पता है मैं इन सारी चीजों से कितना दूर रहता हूँ।” “अरे यार अब क्या दूरी, अब कौन सी तुम्हें पढ़ाई-लिखाई की चिंता है?