राज की नज़र कब्र पर रखे सफेद गुलाब के नीचे दबे लिफ़ाफ़े पर पड़ी। उसने लिफ़ाफ़ा उठाया और उसे खोल लिया। उसमें एक ख़त था। वह ख़त निकालकर पढ़ने लगा।राज,हैरान होंगे आप! आपके जन्मदिन के दिन कौन सा उपहार देने के लिए मैंने आपको यहाँ बुलाया है? ये सवाल आपको परेशान ज़रूर कर रहा होगा। उपहार देने के पहले अपने दिल की कुछ बातें आपसे साझा करना चाहती हूँ। उम्मीद है इन बातों को आप समझ जायेंगे।मैं आपको अपनी सहेली के बारे में बताना चाहती हूँ। उसका नाम था - इसाबेला डिसूज़ा। हम दोनों पड़ोसी थे और एक ही कॉलेज