उधर आकाश के माता पिता को भी अपने किये पर पछतावा हो रहा था कि उन्होंने अपने बेटे को खो दिया । इसलिए उन्होंने पूर्णिमा की रात का इन्तेजार किया इस दिन भेडियो की शक्तियाँ बहुत अधिक बढ़ जाती हैं और कुछ रूहानी शक्ति भी उन्हें मिलती हैं, इसी का फायदा उठाकर उन्होंने अपने बेटे आकाश को फिर से जीवित कर दिया ।आकाश जीवित तो हुआ परंतु रोहिणी को अभी भी नहीं भुला पा रहा था । एक दिन उसने अपनी शक्ति का प्रयोग करके देखा कि रोहिणी कहाँ पर हैं, तो उसे पता चला कि वो एक नए शहर