मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 2

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हम नहीं जानते थे कि वह क्या था? इस समय तक विकास काफी ज्यादा डर चुका था और साथ में, मैं भी। हम सभी राजेश पर चिल्लाये कि हम सबको यहां से निकालो। वह भी हमारी ही तरह डरा हुआ था। उसने गाड़ी को स्टार्ट किया और आगे जाने की बजाय वह गाड़ी को रिवर्स में ले गया ताकि हम पीछे होते हुए उस जगह से मेन रोड पर पहुंच सकें। हम किसी तरह से चलते-फिसलते हुए ऊपर चढ़ते हुए मेन रोड पर आ पहुंचे। हमने सोचा कि अब सब कुछ ठीक हैं पर तभी मैंने अपनी जिंदगी की सबसे