1.किताबें सैकड़ों पढ़ लीं मगर ये रम्ज़ ना आयाकोई अपना बिछड़ जाये तो फिर सब्र कैसे हो2.वक़्त के साथ खुद को मजबूत बना रहा हुंज़िन्दगी में अकेले कैसे ख़ुश रहना है खुद को सीखा रहा हुँ3.मेरी आँखों से गिरता है जरा वो दरिया देखो में हर हाल में ख़ुश हु मेरा नज़रिया तो देखो4. तमीज़ और जमीर जिस इंसान मे होउस इंसान जितना खूबसूरत कोई नहीं होता5.बेताबी मेरी देखी है अब सब्र भी मेरा देख अलविदा कह कर तुझे अब रोज़ ए महशर मिलूंगा6.किसी को अधूरा पाने से बेहतर हैउसे मुक़्क़मल खो दिया जाये 7.मेरी दुनिया में किसी ख़्वाब की