10 नवंबर 1990 को कार्यभार संभालने के 12 दिनों के ही भीतर चंद्रशेखर पांचवे सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने माले मालदीव गए. वहाँ उन्होंने ठेठ हिंदी औऱ अपनी मातृभाषा भोजपुरी में ज़बर्दस्त भाषण दिया जिसे वहाँ मौजूद सभी नेताओं ने काफ़ी पसंद किया...तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ चंद्रशेखर के भाषण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उस समय अपने कार्यालय में काम कर रहे रियाज़ खोखड़ से कहा कि काश तुम भी मेरे लिए इतना अच्छी तक़रीर( भाषण ) लिखते....''खोखड़ ने जवाब दिया कि चंद्रशेखर के लिए वो भाषण किसी ने लिखा नहीं था, बल्कि उन्होंने बिना किसी