आठवां वचन ( एक वादा खुद से) - 1

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मेघना ने ध्यान दिया कि सुबह से ही घर पर तैयारियां चल रही है। कल देर रात तक भी अभिषेक वैभव और मम्मी पापा किसी विशेष चर्चा में व्यस्त थे पर मेघना को समझ नहीं आया कि क्या बात है? और वह अपने गम में इतनी डूबी हुई थी कि उसने जानने की कोशिश भी नहीं की। शाम को कुछ लोग घर आए और अभिषेक ने उनका गर्म जोशी से उनका स्वागत किया। "मां के कहने पर वह चाय नाश्ते का प्रबंध करने लगी। उसने सोचा कि शायद वैभव के लिए कोई रिश्ता आया है पर यह उसकी गलतफहमी थी