साथिया - 87

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अगले दिन अक्षत अमेरिका जाने के लिए तैयार था। " इशू अगर तुम चाहो तो तुम भी जा सकते हो..!! शालू से भी मिलना हो जाएगा। बाकी यहां की फिक्र मत करो। मैं और साधना सब संभाल लेंगे और फिर नील और उनकी फैमिली भी है ही। मानसी की शादी तक तुम दोनों वापस आ जाना।" अरविंद ने कहा। "नहीं पापा मैं नहीं जा रहा हूं..!! अक्षत को जाने दो। अगर सांझ भाभी वापस आएगी तो शालू भी वापस आ ही जाएगी। अब जो भी बातचीत होनी होगी वह यहीं आकर हो जाएगी। मैं अभी आपकी मदद करता हूं।" ईशान