कॉर्नर वाले अंकल जी के बहाने सुनीता पाठक रामगोपाल भावुक मो0- 09425715707 सुनीता पाठक के उपन्यास ‘इक्कीस फेरों का फरेब’ को किस्सा कोताह पत्रिका ने सम्मानित किया था। प्रेमचन्द्र सृजनपीठ के पूर्व निदेशक आदरणीय श्री जगदीश तोमर जी ने इसकी भूमिका में लिखा है-‘वह नारी मन की मूल उपेक्षाओं और सपनों की सूक्ष्म पड़ताल करता प्रतीत होता है ,किन्तु वह पिछले दो-तीन दशकों से नारी विमर्श के नाम पर चली आ रही लेखन धारा से बहुत भिन्न है।’ इसके आत्म कथ्य में सुनीता पाठक स्वीकार करतीं हैं कि बहरहाल इस नायिका को मैंने