उजाले की ओर –संस्मरण

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=================== नमस्कार मित्रो जीवन के अनुभवों से हम न जाने कितना कितना सीखते हैं। एक दिन में न जाने कितनी बातें और यदि यह कहें कि हर पल, एक दूसरे से न जाने कितनी बातें सीखते हैं। इसका कारण यह है कि हम सबमें गुण हैं, अवगुण भी हैं। बुराई है तो अच्छाई भी है। हम सबमें कुछ न कुछ ख़ास है। वही हमें एक नाम देता है, एक पहचान देता है। अखिल बड़ा परेशान! हर बात में उसे किसी न किसी की सलाह की ज़रुरत। चलो वो भी कोई बात नहीं लेकिन खुद की खूबियों को तो पहचानो भाई।