कुछ याद रहा कुछ भूल गया संस्मरणात्मक दस्तावेज। राम गोपाल भावुक मो.-9425715707 एक कर्तव्य निष्ठ पुलिस अधिकारी की आप बीती घटनाओं का यह संग्रह है। इसका सम्पूर्ण पाठ करने पर लगा, यदि लेखक किसी अन्य पात्र का सहारा लेकर बात करता तो निश्चय ही यह एक उम्दा उपन्यास हो सकता था। इस संग्रह में दो सौ सत्तवन संस्मरण संग्रहीत हैं। आपके बड़े माई चर्चित संहित्यकार एवं लोकमंगल पत्रिका के संम्पादक डॉ. भगवान स्वरूप चैतन्य लिखते हैं- ‘जो पुलिस अधिकारी, इस सेवा में घुटन से मुक्ति पाने के लिए छटपटना पड़े, त्याग पत्र पर