सर्कस : ७ रोज की तरह, आदत के नुसार पाँच बजे नींद खुल गई। उठकर खिडकियाँ खोल दी तो ठँडी हवाँ के झोंके से पुरा कमरा ताजगी से भर गया। सुहावने मौसम से दिन तरोताजा महसुस होने लगा, मन उल्हासित हो उठा। जल्दी-जल्दी सब रोज के कामकाज खत्म कर के मैं