इंसान... - 3

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.......हरिया सड़क से बैलों को दौड़ते हुए ले कर आ रहा था।उनके गलें में बंधी हुई घंटियां काफी लय के साथ आवाज कर रहे थी।लोग उन आवाज के तरफ आकर्षित हो रहे थे।और हो भी क्यों न.?आखिर वो जानवर बेहद ही शानदार थे।लोगों के विस्मय कारक भाव देखकर तो ,गंगादास खुद की परखी नजर की मन ही मन में तारीफ कर रहा था।वे जानते की काशीनाथ इस बात से खुश नहीं होगा मगर राकेश और नरेश को काफी आनद होगा।काशीनाथ गंगादास का छोटा बेटा है।और वह सरकारी नौकर है।वह अपने पिता की हरसाल बैलों को बदलना नया खरीदना इन बातों