32. बेतवा का पानी लाल हो गया- राजकवि जगनायक के साथ माण्डलिक, उदयसिंह, देवा, तालन तथा कुँवर लक्ष्मण राणा भी तैयार हुए। महाराज जयचन्द ने कुँवर लक्ष्मण राणा को सावधान किया। चाहमान नरेश चन्देलों से निर्णायक युद्ध करना चाहते हैं। भयंकर युद्ध की संभावना है। कुँवर की पत्नी पद्मा को भी युद्ध की भयंकरता का अनुमान हो गया था। कुँवर को विदा करते समय उसकी आँखों से अश्रु छलक आए। हाथी व्रजराशिन को मोदक खिलाते हुए उसने कहा, ‘कान्यकुब्ज की लाज रखना। कुँवर को तुम्हें सौंपती हूँ।’ व्रजराशिन ने सूँड़ उठा कर पद्मा को आश्वस्त किया। टीका लगा कर कुँवर