कंचन मृग - 28. भुजरियाँ सिराने का पर्व

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28. भुजरियाँ सिराने का पर्व- भुजरियाँ सिराने का पर्व। उत्साह की हिलोर में बालिकाएँ प्रातः से ही तैयारी में व्यस्त हो गईं। घर-घर चर्चा होने लगी कि जोगियो ने पर्व कराने का संकल्प लिया है। वे आ ही रहें होंगे। चन्द्रा भी अपनी वामा वाहिनी के साथ कीर्तिसागर जाने का उपक्रम कर रही हैं। समरजीत तैयार खड़े हैं। महारानी ने शिविकाएँ सुसज्जित कर लीं। महिलाएं बच्चे सभी आज उत्फुल्ल दिखाई पड़ रहे थे। समय हो रहा था। जोगी अभी पहुँच नहीं पाए थे। बालिकाएँ बार-बार महारानी से पूछतीं। महारानी अन्दर जातीं, बाहर आतीं। जोगियों के न आने से, वे उद्विग्न