लागा चुनरी में दाग़--भाग(१३)

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शौकत भी उन सभी की बातें सुन रहा था,लेकिन वो बोला कुछ नहीं,क्योंकि वो नहीं चाहता था कि बात आगे बढ़े,उसने मन में सोचा अगर इन में से किसी को ये भनक भी लग गई कि प्रत्यन्चा ही वही लड़की है तो उसका जीना दूर्भर कर देगें,क्या पता इस रेलगाड़ी से ही हम दोनों को उतरना ना पड़ जाएंँ,इसलिए चुप रहने में ही भलाई है,लेकिन वो सब सुनकर प्रत्यन्चा की आँखों से आँसू बह निकले,वो भला कब तक उन आँसुओं को आँखों में रोकती,आखिरकार दिल का दर्द लावा बनकर फूट ही पड़ा,उसकी आँखों में आँसू देखकर एक बुजुर्ग महिला बोलीं....