प्रत्यन्चा के हाथ पैर बँधे हुए थे और वो उस समय खुद को छुड़ाने की पुरजोर कोशिश कर रही थी,लेकिन हाय री किस्मत वो ऐसा करने में नाकामयाब रही और पप्पू गोम्स उसकी ओर बढ़ता ही चला जा रहा था, जैसे ही पप्पू गोम्स उसके बहुत करीब आ गया तो प्रत्यन्चा उसके मुँह पर थूकते हुए बोली.... "आखिर मेरे परिवार ने तेरा क्या बिगाड़ा था जो तूने उन लोगों के साथ ऐसा किया", "कमीनी! मेरे मुँह पर थूकती है,तेरा भी वही अन्जाम होगा,जो तेरे घरवालों का हुआ था,उस हरामखोर मेहरा ने मुझे जेल भेजा था,इसलिए उसके किए की सजा तो