हमने देखा की प्रेमसिंह रात को हॉल के फर्श पे ही सो जाता है और विद्यासिंह कुत्तों की आवाज़ सुनकर उनको भगाने के लिए हॉल से बाहर जाता है , तभी वो अंधेरे में कोई साया देखता है जो कहीं गायब हो जाता है । वो डर से हॉल में वापिस आता है और फिर सो जाता है , सुबह चरणसिंह उसको उठाता है और बताता है की प्रेमसिंह गायब है । उनको प्रेमसिंह ढूंढने पर भी नही मिलता तब वो जोरावरसिंह को बुलाते है , जोरावरसिंह को प्रेमसिंह का गमछा दिखता है और वो लोग छत पे जाते है