भयग्रस्त

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भयग्रस्त  डर      लेखक:-अंकित भास्कर       “हैलो…हाँ..... कौन बोल रहा है?”उसके मोबाइल के सफ़ेद स्क्रीन पर एक अनजान नंबर से आनेवाली कॉल को रिसीव करते हुए 'वो' बोली। "तुम्हारी माँ की तबीयत बहुत ख़राब है। तुम्हें तुरंत अस्पताल आना होगा।""हा...! आप कोण बात कर रहे हो...? माँ कहाँ है.......? क्या हुआ उन्हें...?"सामने वाले की बात सुनकर 'वो' आश्चर्य से पूछने लगी.."देखो, तुम्हारी माँ के पास बहुत कम समय बचा है। डॉक्टर अभी बता कर गए हैं। मैं पता भेज रहा हु। तुम जल्दी आओ।""लेकिन........"                         बात करते-करते उसके हाथ